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Sri Lanka Declares Food Emergency

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तो अगर मैं आपसे कहूंगा अगले हफ्ते से चावल का रेट ₹500 केजी होने वाला है तो आप क्या करेंगे और अगर मैं आपसे कहूं कि बाजार में सब्जियों के रेट ₹500 किलो हो गए हैं तो क्या आप मेरी बात पर यकीन करेंगे शायद आप मेरी बात पर यकीन नहीं करेंगे लेकिन अगर ऐसा हो गया तो दूसरों किसी भी देश में दंगे हो सकते हैं किसी भी देश में हाहाकार मच सकती है और इस वक्त ये हाहाकार श्री लंका खेल रहा है श्रीलंका की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है सरकार के पास केवल एक महीने का राशन पानी बचा है लोग घरों से बाहर लाइन लगाकर सब्जियां खरीदने में लगे हुए हैं पूरे दिन भर इंतजार करने के बाद गाड़ी में पेट्रोल भर रहा है हालात इतने खराब हो गए हैं कि अब देश की जनता श्रीलंका के राष्ट्रपति पर हमला करने पहुँच गई है मगर वहाँ उनका सामना पुलिस से होता है और फिर आगे क्या होता है हमें बताने की बिल्कुल भी आवश्यकता नहीं है पुलिस की लाठियां और आंसू गैस के गोले पब्लिक की आँखों में आंसू ला रहे हैं मगर ऐसा नहीं है कि आंसू गैस के गोले छोड़े जाने के बाद लोगों की आँखों में आंसू आ रहे हैं बल्कि आंसू तो वैसे भी आ रहे हैं क्योंकि जब कोई समाधान नहीं निकलता तो बस आंसू भी आते ।दोस्तों श्रीलंका की हालत बहुत खराब हो चूके हैं आगे क्या होगा कुछ कहा नहीं जा सकता श्रीलंका में सोशल मीडिया वेबसाइट पर बैन लगा दिया गया है पूरे देश में कर्फ्यू लग चुका है लोग खाने के लिए तरस रहे हैं श्रीलंका में इस समय फ्यूल की मारामारी चल रही है हालात इतने खराब हो चूके हैं कि पब्लिक सड़क पर उतर आई है और आपको यह जानकर बहुत दुख होगा कि इस वक्त शायद कोई देशी श्रीलंका की मदद भी नहीं कर पाएगा क्योंकि श्री लंका के पास फॉरेन रिज़र्व करेंसी मैसेज 2.3 बिलियन डॉलर रह गई है वहीं पिछले साल ये आंकड़ा 70% ज्यादा था मतलब श्रीलंका एक बात बहुत कम विदेशी मुद्रा बची है और ऐसी कंडिशन में श्रीलंका दूसरे देशों से सामान भी नहीं खरीद सकता क्योंकि उसके पास पैसे नहीं बचे मगर अच्छी खबर यह है कि बहुत सारे देश श्रीलंका की मदद करने को तैयार हैं अगर आप खुद सोचिए जीस दुकान पर आपका खुद हार पहले से बकाया हूँ आप दूसरी बार वहाँ पर उधार लेने जाएंगे तो वो दुकानदार आपको सामान किसी भी हालत में नहीं देगा या दोस्तों श्रीलंका ने दूसरे देशों से पहले से ही चार बिलियन डॉलर का कर्ज ले रखा है और वो अभी तक नहीं चुका पाया और उसके पास केवल 2.3 बिलियन डॉलर विदेशी मुद्रा बची है ऐसे में आप समझ सकते हैं कि श्रीलंका पूरी तरह से कर्ज में डूबा हुआ दोस्तों हम आपको बता दें हमारा पड़ोसी मुल्क श्रीलंका डेली लाइफ में इस्तेमाल होने वाली चीजें जैसे अनाज दवाइयां शुगर आदि विदेशों से खरीदता है और इसलिए शायद आज यहाँ पर इमरजेंसी जैसे हालात बन गए हैं तो दोस्तों हम बहुत खुशकिस्मत हैं क्योंकि हमारी जरूरत की लगभग सारी चीजें भारत देश में मिल जाती है हमारे देश में गन्ने का अच्छा खासा उत्पादन होता है इसलिए शक्कर की जरूरत है हम लोग खुद पूरी कर लेते हैं हमारे देश में अनाज और गेहूं भी बहुत ज्यादा है इसलिए हमारा देश रोज़ी रोटी के लिए किसी दूसरे मुल्क पर निर्भर नहीं है हाँलाकि इंडिया में बहुत सारी चीजें ऐसी हैं जो अलग अलग राज्यों में होती है और उन्हें एक राज्य से दूसरे राज्य में भेज दिया जाता है खैर जाना पानी कहीं पर भी मिले आखिर मिट्टी तो अपनी हैं वहीं दूसरी तरफ अगर श्रीलंका की बात करें तो श्री लंका इन बेसिक सी चीजों के लिए दूसरे देशों पर निर्भर है क्योंकि अब श्री लंका के पास विदेशी मुद्रा नहीं है ऐसे में श्रीलंका की सरकार दूसरे देशों से सामान नहीं खरीद पा रही है और इसलिए देश में इन चीजों की शोर्टेज हो रही है और महंगाई आसमान की तरफ बढ़ रही है दूध शक्कर से लेकर पेट्रोल डीजल के दाम भी 25% तक बढ़ चूके हैं हाल ही में श्रीलंका के एक एक्टिविस्ट ने अपना नाम न बताने की शर्त पर स्टे इंडियन एक्सप्रेस को एक इंटरव्यू दिया और उसने बताया कि यहाँ पर चावल ₹290 किलो बिक रहा है और अगले हफ्ते तक शायद इनका रेट ₹500 किलो हो जाएगा और इसका सीधा असर आम जनता पर हो रहा है बहुत सारे होटेल और रेस्ट्रॉन्ट्स ऐसे हैं जहाँ पर चाय की रेट ₹100 कम हो गई है दोस्तों यहाँ पर हम श्रीलंका के रुपए की बात कर रहे हैं भारतीय रुपए की नहीं हमारे भारत का ₹1 श्रीलंका की लगभग ₹4 के बराबर है इतना ही नहीं श्रीलंका में बिजली की भी भारी कटौती हो रही है अब आप सोच रहे होंगे भला इस केस का बिजली से क्या लेना देना तो हम आपको बता दें कि श्रीलंका फ्यूल को भी दूसरे देशों से इंपोर्ट करता है अब श्री लंका के पास पैसे बचे नहीं तो बेचारा कहाँ तक बिजली जलाकर अपनी टूटती अर्थव्यवस्था पर प्रकाश डालता रहेगा इसलिए उन्होंने सोचा अँधेरा ही सही और इसलिए पूरे 40 घंटे में केवल 4 घंटे बिजली आ रही ताकि लोग अपनी बेसिक जरूरतें पूरी कर पाए और अब हम जो आपको बताने वाले ऐसे सुनकर आप भी समझ जाएंगे कि हालात कितने बदतर हो चूके हैं बाकी सरकार ने साफ साफ कहा है कि सड़कों पर चलने वाली स्ट्रीट लाइट को बंद कर दिया जाए ताकि कुछ बिजली को बचाया जैसे की दोस्तों सोच कर बड़ा दुख हो रहा है की जैसे श्रीलंका की क्रिकेट की टीम कभी दुनिया पर राज़ किया करती थी जिसे मलिंगा की गेंदों से अच्छे अच्छे बल्लेबाजों को दिन में तारे नजर आते थे आज उसी देश के तारे गर्दिश में चल रहे हैं। तो तो गैस सिलेंडर हर घर की सबसे पहली जरूरत होती है और श्रीलंका में रसोई गैस के दाम ₹1200 तक बढ़ चूके हैं और अब हालात ऐसे हैं कि बहुत सारे श्रीलंकाई लोग देश छोड़कर भाग रहे हैं कुछ दिनों पहले ही लगभग 10 से श्रीलंकाई लोग समुद्र के रास्ते इंडिया आ चूके हैं चाहे इंडियन कोस्टगार्ड ने उन्हें अपनी हिरासत में ले लिया और उन्हें खाना पानी भी दिया और अब अंदाजा लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में बहुत सारे श्रीलंका ही लोग समुद्र के रास्ते तमिलनाडु आ सकते हैं और इसीलिए शायद तमिलनाडु की मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत भी की है ताकि श्रीलंका से आने वाले लोगों को हैंडल किया जा सके और काफी हद तक उनकी मदद की जा सके अब आप तो जानते है अपना भारत देश बहुत दयालु है इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के सीएम को इस बात की इजाजत दे दी है कि श्रीलंका से आने वाले लोगों को तमिलनाडु में आने की परमिशन दे दी जाए दोस्तों अभी तक हमने श्रीलंका के मौजूदा हालात पर बात की लेकिन अब जानें कि आखिर ऐसा क्या हुआ जिसके  कारण आज श्रीलंका को इतने बुरे दिन देखने पड़ रहे आखिर एक हंसता खेलता देश अचानक इमरजेंसी जैसे हालात तक कैसे पहुँच गया दोस्त तो उससे पहले हम आपको बता दें कि 2018 में श्रीलंका सबसे बड़ा टूरिस्ट प्लेस हुआ करता था 2018 में श्रीलंका के अंदर करीब 253 मिलियन विदेशी टूरिस्ट आए थे जब अपने आप में रिकॉर्ड है और श्रीलंका की जीडीपी का 12, 13% हिस्सा यूरो ज़ोन से ही कवर होता है लेकिन फिर 2019 में कुछ ऐसा हुआ जिसने पूरे के पूरे श्रीलंका को हिलाकर रख दिया 2019 अप्रैल में श्रीलंका के अंदर कई बम धमाके किए गए और इन धमाकों में बड़े बड़े टूरिस्ट होटेल्स को टारगेट बनाया गया इस आतंकी घटना में हजारों लोग मारे गए और सबसे बड़ी बात यह है कि इन बम धमाकों में 45 विदेशी टूरिस्ट में मारे गए और इस घटना के बाद दुनिया के लोग श्रीलंका के अंदर जाने से डरने लगे और श्रीलंका की 12-13 परसेंट इकोनॉमी ठप हो गई लेकिन अब आप सोच रहे हो की इतनी इकॉनमी कम हो जाने से भला इतने बुरे हालात कैसे बन सकते हैं आप बिलकुल सही सोच रहे हैं इसके पीछे और भी कई सारे कारण हैं जो हम आपको आगे बताने वाले 2019 में राजपक्षे सरकार में आए और उन्होंने टैक्स को अदा कर दिया सरकार का मानना था कि टैक्स आधार करने से लोग चीजों में ज्यादा स्पेंड करेंगे और पैसा खुलकर बाजार में आएगा खैर उनका ये गणित बिल्कुल सही था लेकिन कोई नहीं जानता था कि कोरोना के इंतज़ार कर रहा है और 2020 में कोरोनावायरस अपने पांव पसार चुका था। और सारा बाजार ठप हो गया लोग घरों से बाहर नहीं निकल पाए फिर ऐसे में खरीदारी तो दूर की बात है और सरकार के पास पहले से ज्यादा टैक्स आने लगा तो तो इसके अलावा कहा जाता है चाइना का इसमें बहुत बड़ा रोल हो सकता है दरअसल 2010 में श्रीलंका ने एक इंटरनेशनल फूड बनाया था जिसके लिए उसने चाइना से 1.3 बिल्यन डॉलर का कर्ज लिया था बाद में ये इंटरनेशनल पोर्ट बहुत अधिक घाटे में जाने लगा और सरकार को इससे भारी नुकसान हुआ, और इसलिए सरकार ने उसको प्राइवेट करने का फैसला लिया है और आपको यह जानकर बड़ा आश्चर्य होगा इस इंटरनेशनल फूड का 70% हिस्सा एक चाइनीज कंपनी ने खरीद लिया है इसके लिए श्रीलंका की सरकार को 1.2 बिलियन डॉलर दिए गए हालांकि देश के बहुत सारे लोगों ने इसका विरोध किया उनका मानना था कि अपने देश की कंपनी को दूसरे हाथों में बेचना गलत है दोस्तों हाल ही में श्रीलंका के रुपए की वैल्यू बहुत अधिक गिर गई है एक महीने पहले $1 ₹200 श्रीलंकाई रुपये के बराबर हुआ करता था लेकिन आज पूरे एक महीने बाद $1 ₹300 श्रीलंका के बराबर हो गया हालांकि श्रीलंका ने बहुत सारे देशों से मदद की गुहार लगाई है जिसमें भारत वर्ल्ड बैंक और देश भी शामिल है सभी लोग श्रीलंका की मदद कर रहे हैं और हम उम्मीद करते हैं श्री लंका इन पैसों की मदद से दोबारा खुद को स्थापित कर पाएगा।

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